ॐ का द्वीप-ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग
ओंकारेश्वर भारत का प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग है जो की भगवान शिव को समर्पित है । पुराणों के अनुसार जहां जहां शिवजी प्रकट हुए है उन सभी स्थानों को ज्योतिर्लिंग के रूप में जाना जाता है । ओंकरेश्वर ज्योतिर्लिंग भारत के १२ ज्योतिर्लिंग में से एक है जो की नर्मदा नदी के किनारे बने द्वीप मांधाता पर स्थित है । इस द्वीप को शिवपुरी के नाम से भी जाना जाता है और अगर इस द्वीप को दूर से देखे तो ये हिन्दू ॐ के आकर कि तरह दिखता है इसीलिए इस जगह को ओंकारेश्वर नाम से जाना जाता है । ऐसा कहा जाता है की भगवान् शिव तीनो लोको में भ्रमण करने के बाद यह आके विश्राम करते है इसीलिए यहाँ भगवान् शिव जी की प्रतिदिन शयन आरती की जाती है एवं भक्तगण दूर से उनके दर्शन को एवं शयन दर्शन के लिए आते है ।
ओंकारेश्वर तीन मंदिर में विभाजित है :
ब्रह्मपुरी :- यहाँ पर भगवान् श्री ब्रह्मा का मंदिर है जो की नर्मदा नदी की दक्षिणी ओर पर स्थित है
विष्णुपुरी :- यहाँ पे विष्णु भगवन का मंदिर है
शिवपुरी :- यह ओंकारेश्वर का मंदिर है इसी मंदिर में भगवान् शिवजी का ज्योतिर्लिंग है ।

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग हिन्दुओं के पवित्र धार्मिक स्थानो में से एक है नर्मदा किनारे स्थित इस ज्योतिर्लिंग की प्राकृतिक सुंदरता इसे और भी खूबसूरत बना देती है
ओंकारेश्वर में आने वाले भक्त झूला पुल से होते हुए ज्योतिर्लिंग के दर्शन को जाते है । इस पुल को ममलेश्वर सेतु के नाम से भी जाना जाता है । इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए दर्शनार्थी पहले नावे ही उपलब्ध थी इसीलिए भक्तों की सुविधा के लिए इस पुल का २००५ में इस पुल का निर्माण हुआ । इस पुल से नर्मदा नदी एवं मंदिर का बहुत ही सुन्दर दृश्य दिखाई देता है ।
ओंकारेश्वर में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के साथ ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग भी है जो की नर्मदा नदी के दक्षिण तट पर स्थित है और ऐसा कहा जाता भगवान् शिव ने ओंकारेश्वर लिंग के २ भाग किये एक का नाम ओंकारेश्वर और एक ममलेश्वर पड़ा । ममलेश्वर को अमरेश्वर के नाम से भी जाना जाता है ।

नर्मदा नदी का महत्व एवं विशेषताएं :-
नर्मदा नदी भारत की पांच पवित्र नदियों में से एक है और इसमें स्नान करने से समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है ।पुराणों में ऐसा कहा गया है की नर्मदा नदी गंगा नदी से भी अधिक प्राचीन है और जब स्वयं गंगा नदी करोड़ो लोगो के स्नान के कारण प्रदूषित हो गई थी तब वह शुद्धि के लिए काली गाय का रूप लेकर नर्मदा नदी के पवित्र जल में स्नान करने आई थी ।नर्मदा नदी भारत की एकमात्र नदी है जिसकी परिक्रमा की जाती है ।
नर्मदा नदी भारत में गंगा और गोदावरी के बाद तीसरी सबसे बड़ी नदी है यह नदी मध्यप्रदेश के अमरकंटक शहर से निकलती हुई गुजरात के भरुच से होकर अरब सागर की खाड़ी में गिरती है ।
ओंकारेश्वर मंदिर में सभी भक्त नर्मदा जी आरती करते है एवं प्रतिदिन शाम के समय नदी में दीप प्रवाहित करते है ।
