ऐतिहासिक माता मंदिर- देवास

ऐतिहासिक माता मंदिर- देवास

या देवी सर्व भूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः

देवास मध्य भारत का शहर है और ये इंदौर से लगभग ३५ किमी की दुरी पर स्थित है। आज के समय में देवास एक औद्योगिक शहर है और यहाँ पर सबसे बड़ा नोट छपाई का कारखाना है। देवास एक प्रसिद्ध शहर है जो कि मालवा इलाके में आता है इस शहर कि प्रसिद्धि का कारण यहाँ का शक्ति पीठ माता मंदिर जिसमे माँ तुलजा भवानी और माँ चामुंडा देवी विराजमान है जो कि पहाड़ी पर स्तिथ है और साथ ही ये पुराना और ऐतिहासिक भी है और इस मंदिर को टेकरी की माता भी कहा जाता है । टेकरी की माता के दर्शन करने लोग बहुत दूर दूर से आते है। इस मंदिर पर आप  दो तरह से जा सकते है या तो आप सीढ़ियों से जिनकी संख्या लगभग ४१० है या पक्की रोड से जो पहाड़ी से होते हुए मंदिर की ओर जाती है । मंदिर पर रोप वे द्वारा भी जाया जा सकता है जहाँ से आपको देवास शहर का सुन्दर दृश्य भी दिखाई देगा ।

देवास को पहले देवासिनी भी कहाँ जाता था मतलब देवो का आसन। यहाँ के लोग कि ये मान्यता है कि यहाँ पर जो देवी माँ है उनके दो स्वरुप है और दोनों ही देवियां जाग्रत है। यह मंदिर माँ तुलजा भवानी और माँ चामुंडा देवी का है और यह पर एक भैरो बाबा का भी मंदिर स्थित है। इन दोनों स्वरूपों को बड़ी माँ और छोटी माँ के नाम से जाना जाता है । तुलजा देवी जिनको बड़ी माता के नाम से जाना जाता है और चामुंडा देवी को छोटी माँ के नाम से जाना जाता है ।

Picture Courtesy: static.panoramio.com

यह एक ऐतिहासिक मंदिर है जिसका इतिहास बहुत काम लोग जानते है। आइये पढ़ते है इस मंदिर का इतिहास।

इस मंदिर के बारे में ऐसा कहा जाता है कि बड़ी माँ और छोटी माँ के बीच बहनो का रिश्ता था । यहाँ दोनों माताएं  संग में रहती थी एक दिन किसी बात पर दोनों बहनो में विवाद होगया और यह बढ़ता गया जिसके चलते दोनों ही माताएं अपना अपना स्थान छोड़कर जाने लगी । बड़ी माँ पाताल में समाने लगी और छोटी माँ अपना स्थान छोड़कर खड़ी  होगई और टेकरी से जाने लगी । तभी माताओं को कुपित देख कर उनके साथी – हनुमानजी और भैरो बाबा ने उनको क्रोध शांत करने और वहीँ रुकने कि विनती करी। दोनों ही माताएं  जैसी थी वैसी ही रुक गई बड़ी माता का आधा शरीर पाताल में समा चूका था तो वो जैसी स्थिति में थी वैसी ही टेकरी पर रुक गई। और छोटी माता टेकरी से उतर रही थी उनका मार्ग अवरुद्ध होने के कारन वे और कुपित होगई और जिस अवस्ता में वे नीचे उतर रही थी उसी में वे टेकरी पर रुक गई।

आज भी टेकरी पर माताएं अपने उसी स्वरूपों में विराजमान है । और लोगों की यहा मान्यता है की आज भी ये मूर्तियां जाग्रत और स्वयंभू स्वरुप में हैं। यहाँ पर सच्चे मन से जो भी मन्नत मांगी जाती है वे पूर्ण रूप से पूरी होती है । यहाँ पर लोग यह भी मानते है भी भैरो बाबा के दर्शन अनिवार्य है और उसके बिना प्राथना अधूरी है इसीलिए लोग बड़ी माँ और छोटी माँ के साथ भैरो बाबा के भी दर्शन करते है । नवरात्र के समय टेकरी की माता पर बहुत दूर दूर से लोग दर्शन को आते है और इन दिनों यहाँ पर एक विशेष पूजा भी  कराई जाती है ।

माँ तुलजा भवानी :-

Picture Courtesy: missionkuldevi.in

माँ चामुंडा देवी :

माँ तुलजा भवानी
Picture Courtesy: blogspot.co

कैसे पहुंचे :-

देवास खुद रेलवे लाइन पर है लेकिन यह भी कुछ नजदीकी शहर है:

इंदौर से ३५ किलोमीटर

भोपाल से १५३ किलोमीटर

उज्जैन से ३४ किलोमीटर

जब  भी  आप  किसी  कार्य  से  देवास  आये  या  वहां  से  निकले  तो  थोड़ा  समय  निकल  कर  मंदिर  पर  अवश्य  दर्शन  करे ।

स्वीकृति

8 Comments

  1. Ram

    Jai mata di

  2. Mohit

    Me bhi aaunga
    Nice tampale

  3. $30 meghwal

    Jay mata di

  4. कल्याण प्रसाद

    श्री माता जी आप मुझे कब अपने दर्शन
    को बुलाओ गी जय माता की

  5. Rohit Raghuwanshi

    Nive..jai maata di

  6. Sikky mishra

    Hey mata mujhko apne paas bula lo
    Jai mata di

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