राजस्थान की धड़कन-आपणी छोटी काशी या नखराली बूंदी|
राजस्थान के हाड़ोती संभाग तथा कोटा से 36 km दूर कुए तथा बावड़ियों का शहर जिसे भारत की छोटी काशी के नाम से भी जाना जाता है, तीन तरफ से अरावली पर्वतो से घिरा हुआ प्राकृतिक एवं ऐतिहासिक सम्पदा से समृद्ध रमणीय नगर है | बूंदी एक सुन्दर नगरी जो की छोटी और पतली सड़के, नीले रंग के घर, पहाड़ों, किले, बाज़ार और मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है ।वैसे तो वर्ष भर यहाँ घूमने आ सकते है परन्तु बारिश और शीतकाल की बात ही कुछ अलग रहती है | नगर की चारो दिशाओं एवं आस-पास के इलाकों में अनेक दर्शनीय स्थल ,किले,झीलें,बावरी,अभ्यारण,छतरियां,हवेलियां प्रमुख आकर्षण के केंद्र है | तो आइये ल चलते है बूंदी की यात्रा पर ,

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तारागढ़ फोर्ट:-
यह फोर्ट राजस्थान के अत्यंत प्रभावशाली गढ़ों में से राजपूती स्थापत्य कला का अदभुत नमूना है जिसे अकबर कभी ना जीत सका.यह 1426 फ़ीट पर सीधे पहाड़ पर बनाया गया किला है |

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बूंदी राजमहल (गढ पैलेस):-
यह पैलेस वास्तुशिल्प व दीवारों पर चित्रकारी की दृष्टि से दर्शनीय है |

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नवल सागर-
इस झील की बिशेषता इसमें नगर का तथा महलों के प्रतिविंब दिखाई देना है रात्रि के समय यहाँ का नज़ारा अदभुत रहता है | इसी तालाब के किनारे गजलक्ष्मी का मंदिर है जिसकी मान्यता है की यदि प्रसूताओं को गजलक्ष्मी का जल चढ़ा हुआ पिलाने से प्रसव पीड़ा रहित हो जाता है|
पढ़ीये-ऐतिहासिक त्रिनेत्र गणेश मंदिर-रणथंबोर

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रानी जी की बाबड़ी:-
बूंदी में लगभग ७०-७२ बाबड़िया है परन्तु रानी जी के बाबड़ी को एशिया की सर्वश्रेष्ठ बाबड़ियों में गिना जाता है | यह मुग़ल तथा राजपूती स्थापत्य कला का अनूठा मिश्रण है , वर्तमान में यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण बिभाग के अधीनस्थ है |

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चौरासी खम्बों की छतरी:-
अपनी धाय भाई ( दूध पिलाने वाला) स्मृति में इसका निर्माण राव अनिरुद्ध सिंह जी ने करवाया था| यह छतरी चौरासी खम्बो पर वनी हुई बूंदी के प्रमुख आकर्षणों में से एक है |

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जैतसागर झील:–
प्राकृतिक सुंदरता को समेटे हुए यह झील चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरी हुई है | तालाब के पास सुखमहल है जिसमे कई सुरंगे है तथा जिनका प्रयोग युद्ध के दौरान किया जाता था |

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भीमलत महादेव:–
बूंदी से लगभग 30 किलोमीटर दूर पहाड़ो के मध्य भीमलत नामक एक प्रसिद्ध शिव तीर्थस्थल है| यहाँ करीब 50 मीटर की ऊंचाई से झरना गिरता है | बारिश के मौसम में यहाँ का सौंदर्य अनुपम होता है |

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शिकार बुर्ज:-
शहर से दूर एकांत में बना हुआ एक शिकारी लॉज है जिसमे यहाँ के शासक उम्मीद सिंह जी अपना राजशाही पद छोड़ने के बाद निवास करते थे|

इन सब स्थलों के अलावा भी बूंदी में अन्य दर्शनीय स्थल है जैसे फूल सागर, केसर बाग़, धा भाई का कुंड, हाथीपोल, वर्धा बांध, हर साल नवंबर के महीने में यहाँ बूंदी उत्सव मनाया जाता है जिसे देखने देश -विदेश से पर्यटक यहाँ आते है ।
तो आओ और कुछ दिन गुज़ारो हमारे राजस्थान में ।
लेखक:- नेहा शर्मा
बूंदी के बारे में अदभुत और गजब की जानकारी दी बहुत ही शानदार पड़कर मन हो रहा है कभी बूंदी घूमने का ।